रविवार, 21 दिसंबर 2008

ताज फ़िर हुआ रोशन !

आज... २१ दिसम्बर की शाम...ताज फ़िर रोशन हुआ __आतंक की कालिमा धोता हुआ __२६ - २७ -२८ नवम्बर की यादों के नक्श पोंछते हुए __शहर के गमजदा मिजाज में जिंदगी और जोश के नए रंग बिखेरते हुए __ताज फ़िर मुस्कुराया !
दर्द को सहलाना ...उसे गाना ...गाते - गाते नये जज्बे जगाना...जिंदगी के चलने का नाम है __मंजिलें और भी हैं ...आसमान और भी हैं ....जिन्दगी में सफर के मकाम और भी हैं !
__ये न समझें कि समूचे मुम्बई की धड़कन फकत ताज ही है...लेकिन फुटपाथ से लेकर आसमानी ऊँचाइयों पर जीने वाले मुम्बईकर के लिए ....आन - बान - शान ...तो ' ताज ' ही है ! __साहिर साहब ने ...' हम गरीबों का उडाया है मजाक ...' इस ताज के बारे में थोड़े लिखा था ...वो तो आगरा में है ! इस ताज पर तो हर मुम्बईकर को नाज है .
__शहर नए साल की ओर कदम बढ़ा रहा है...कड़वी यादें धुंधलायेंगी...नया सवेरा नई रंगत लाएगा !

2 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

__शहर नए साल की ओर कदम बढ़ा रहा है...कड़वी यादें धुंधलायेंगी...नया सवेरा नई रंगत लाएगा !
सही कहा.....मुंबईवासियों को नए वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

seema gupta ने कहा…

शहर नए साल की ओर कदम बढ़ा रहा है...कड़वी यादें धुंधलायेंगी...नया सवेरा नई रंगत लाएगा
"" सुंदर विचार, हम सभी की भी यही प्रार्थना है"
Regards