गुरुवार, 20 मई 2010

महानता : सन्दर्भ सचिन...


महानता सिर्फ एक बार का हासिल नहीं . यह निरंतर चलने वाली एक प्रक्रिया है !...सन्दर्भ : सचिन तेंदुलकर ! कल मैंने अपने आप से कहा था ... ' बड़ा बनाना है तो अपने आप से बड़ा बनो ' '...और कभी भी अपने आप से बड़ा दिखने की कोशिश मत करो ' ...महानता दिखनी नहीं , महसूस होनी चाहिए !

2 टिप्‍पणियां:

संजय श्रीवस्तव ने कहा…

गज़ब कर रहे हैं आप.

राजू मिश्र ने कहा…

वाह...क्‍या बात है...बहुत ही शानदार ब्‍लाग बनाया है आपने।