' सत्यमेव जयते ' देखा ...आमिर खान का सोच-एप्रोच और प्रजेंटेशन देखा ... अपील करता है ! कन्या-रत्न के तिरस्कार का विषय बहुत खूबसूरती से प्रस्तुस्त किया गया है ! ...कुछ उम्मीद कर रहें हैं कि एक नए तरह के जन आन्दोलन की बुनियाद पड़ रही है...!...हमारे यहाँ हर प्रयास को क्रांति और हर कुछ कर गुजरने वाले को गाँधी-सुभाष-भगत सिंह और काफी कुछ बढ़ा चढ़ा कर देवत्व से जोड़ने की प्रवृत्ति ऐसे प्रयासों के मनभावन , लोकरंजन ... और लोक जागरण के के संकल्प को कमजोर बना देती है !...बेहतर होगा इस कार्यक्रम को सहज गति पकड़ने दें और उम्मीदों का बहुत बड़ा पहाड़ आमिर खान पर अभी से न पटकें...!!!
रविवार, 6 मई 2012
शुक्रवार, 16 मार्च 2012
शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012
समाज की तरक्की के लिए...
बुधवार, 25 जनवरी 2012
mousam...
सोमवार, 23 जनवरी 2012
रविवार, 8 जनवरी 2012
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